हमारे शास्त्रों के अनुसार इन पांच तरह की होती हैं महिलाएं, इन महिलाओं काे हमेशा अच्छे लगते हैं गैर-पुरुष
‘शास्त्र’ ऋषियों और मुनियों आदि के बनाए हुए वे प्राचीन ग्रंथों को कहते हैं जिनमें लोगों के हित के लिये अनेक प्रकार के कर्तव्य बतलाए गए हैं और अनुचित कृत्यों का निषेध किया गया है। दूसरे शब्दों में शास्त्र वे धार्मिक ग्रंथ हैं जो लोगों के हित और अनुशासन के लिये बनाए गए हैं।
शास्त्र वो ग्रंथ होता है, जिसमें किसी भी एक विषय का विस्तारपूर्वक ज्ञान होता है। आपने स्कूल और कॉलेज के दौरान भौतिकशास्त्र और रसायन शास्त्र के बारे में तो सुना होगा। इसी तरह आप ज्योतिष शास्त्र के बारे में भी जानते होंगे।
विज्ञान के इस युग में भी ज्योतिष (Jyotish) की अपनी अलग पहचान कायम है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) को विश्व के कुछ बेहद प्राचीन और विस्तृत ज्योतिष शास्त्रों में से एक माना जाता है। ज्योतिष विद्या ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध रखने वाली मानी जाती है।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों आदि की स्थिति को देखते हुए किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व, भूत और भविष्य के बारे में जानकारी मिलती है। इसी ज्योतिष शास्त्र में महिलाओं और पुरुषों के प्रकार भी बताए गए हैं।
ये तो सभी जानते हैं कि सभी महिलाएं एक सी नहीं होती हैं। सभी में कुछ गुण और अवगुण होते हैं। हम यह भी जानते हैं कि किसी महिला को समझना भी कितना मुश्किल काम है। मगर ज्योतिष शास्त्र आपकी इस समस्या का समाधान कर सकता है। ज्योतिष शास्त्र में महिलाओं के केवल पांच ही प्रकार बताए गए हैं।
1. शंखिनी स्त्री
इनकी हाइट बहुत अच्छी और नाक मोटी होती है। गंभीर आवाज वाली ये स्त्रियां बोलती बहुत हैं और चुगली करने में भी माहिर होती हैं। इनकी उम्र भी बहुत लंबी होती है।
गुस्से से बहुत लगाव
गुस्सा हमेशा इनकी नाक पर चढ़ा रहता है और ये हमेशा ही अपने पार्टनर से नाराज रहती है। ये दयालु नहीं होती है और परिवार से अलग-थलग रहती है। जिंदगी का आखिरी समय इनके लिए बहुत मुश्किल होता है।
2. चित्रिणी स्त्री
ये महिलाएं दिखने में बहुत खूबसूरत होती है। इनकी आंखों में चंचलता और बाल काले होते हैं। ये बड़ा मधुर बोलती हैं और संगीत, नृत्य और चित्रकारी आदि में रुचि रखती हैं। इन्हें सजने-संवरने का भी बहुत शौक होता है।
पूजा-पाठ में रुचि
ये उपवास और साधु-संतों की सेवा आदि में लगी रहती हैं। ये मेहनत नहीं करती मगर बड़ी बुद्धिमान होती हैं। जन्म भले ही गरीबी में हुआ हो मगर शादी के बाद ये किसी महारानी सा जीवन जीती हैं।
3. हस्तिनी स्त्री
इनका रंग गोरा होता है और इनका पति भी सुंदर होता है। ये थोड़ी मोटी और आलसी भी होती हैं। इन्हें पुत्र होने की संभावना अधिक होती है।
होती है झगड़ालू
इनका मूड बदलता रहता है। वैसे तो ये हंसमुख होती है, मगर साथ ही बहुत क्रूर भी होती है। इन्हें धर्म नहीं भोग-विलास से मतलब होता है। ये परिवार में क्लेश पैदा करती है।
4. पुंश्चली स्त्री
ये छोटी उम्र में ही युवा दिखने लगती है और बेशर्म होती है। बड़ी-बड़ी आंखों वाली इन महिलाओं के हाथ-पैर छोटे होते हैं। ये हमेशा कड़वी बातें करती हैं।और सबके दिल को दुखाती है|
गैर मर्दों में रुचि
अपने पति से ज्यादा इन्हें दूसरे पुरुष भाते हैं। इसी वजह से इन्हें कोई सम्मान नहीं देता है। ये बातें भी झगड़ने के लहजे में करती है। इनकी वजह से इनका परिवार बहुत दुःख झेलता है।
5. पद्मिनी स्त्री
ये सुंदर और आकर्षक होती हैं। इनकी बोली मिश्री की तरह होती है। इनकी आंखें बड़ी और बाल भी सुंदर होते हैं। ये हमेशा प्रसन्नचित्त रहती हैं।
होती हैं भाग्यशाली
भारतीय ज्योतिष शास्त्रों की शाखा समुद्र विज्ञान में शरीर पर मौजूद चिन्हों के आधार पर व्यक्ति के भविष्य का विश्लेषण किया जाता है, शरीर पर पाए गए यह निशान हमारे भविष्य और चरित्र के बारे में बहुत कुछ दर्शाते हैं।
समुद्र शास्त्र में सुकन्या यानी सुंदर गुणों वाली कन्या के लक्षणों के बारे में भी बताया गया है। ऐसी कन्या बड़ी भाग्यशाली होती है। इनके भाग्य से पति और परिवार खुशहाल और धनवान बना रहता है। ऐसी कन्या की पहचान इस तरह से कर सकते हैं।
इनको सभी से बहुत सम्मान मिलता है। ये पति से लेकर माता-पिता तक सभी की सेवा करती हैं। ये अपने रिश्ते को लेकर बहुत समर्पित होती हैं और जिससे शादी कर ले उसकी किस्मत बदल देती हैं।
शास्त्र वो ग्रंथ होता है, जिसमें किसी भी एक विषय का विस्तारपूर्वक ज्ञान होता है। आपने स्कूल और कॉलेज के दौरान भौतिकशास्त्र और रसायन शास्त्र के बारे में तो सुना होगा। इसी तरह आप ज्योतिष शास्त्र के बारे में भी जानते होंगे।
विज्ञान के इस युग में भी ज्योतिष (Jyotish) की अपनी अलग पहचान कायम है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) को विश्व के कुछ बेहद प्राचीन और विस्तृत ज्योतिष शास्त्रों में से एक माना जाता है। ज्योतिष विद्या ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध रखने वाली मानी जाती है।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों आदि की स्थिति को देखते हुए किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व, भूत और भविष्य के बारे में जानकारी मिलती है। इसी ज्योतिष शास्त्र में महिलाओं और पुरुषों के प्रकार भी बताए गए हैं।
ये तो सभी जानते हैं कि सभी महिलाएं एक सी नहीं होती हैं। सभी में कुछ गुण और अवगुण होते हैं। हम यह भी जानते हैं कि किसी महिला को समझना भी कितना मुश्किल काम है। मगर ज्योतिष शास्त्र आपकी इस समस्या का समाधान कर सकता है। ज्योतिष शास्त्र में महिलाओं के केवल पांच ही प्रकार बताए गए हैं।
1. शंखिनी स्त्री
इनकी हाइट बहुत अच्छी और नाक मोटी होती है। गंभीर आवाज वाली ये स्त्रियां बोलती बहुत हैं और चुगली करने में भी माहिर होती हैं। इनकी उम्र भी बहुत लंबी होती है।
गुस्से से बहुत लगाव
गुस्सा हमेशा इनकी नाक पर चढ़ा रहता है और ये हमेशा ही अपने पार्टनर से नाराज रहती है। ये दयालु नहीं होती है और परिवार से अलग-थलग रहती है। जिंदगी का आखिरी समय इनके लिए बहुत मुश्किल होता है।
2. चित्रिणी स्त्री
ये महिलाएं दिखने में बहुत खूबसूरत होती है। इनकी आंखों में चंचलता और बाल काले होते हैं। ये बड़ा मधुर बोलती हैं और संगीत, नृत्य और चित्रकारी आदि में रुचि रखती हैं। इन्हें सजने-संवरने का भी बहुत शौक होता है।
पूजा-पाठ में रुचि
ये उपवास और साधु-संतों की सेवा आदि में लगी रहती हैं। ये मेहनत नहीं करती मगर बड़ी बुद्धिमान होती हैं। जन्म भले ही गरीबी में हुआ हो मगर शादी के बाद ये किसी महारानी सा जीवन जीती हैं।
3. हस्तिनी स्त्री
इनका रंग गोरा होता है और इनका पति भी सुंदर होता है। ये थोड़ी मोटी और आलसी भी होती हैं। इन्हें पुत्र होने की संभावना अधिक होती है।
होती है झगड़ालू
इनका मूड बदलता रहता है। वैसे तो ये हंसमुख होती है, मगर साथ ही बहुत क्रूर भी होती है। इन्हें धर्म नहीं भोग-विलास से मतलब होता है। ये परिवार में क्लेश पैदा करती है।
4. पुंश्चली स्त्री
ये छोटी उम्र में ही युवा दिखने लगती है और बेशर्म होती है। बड़ी-बड़ी आंखों वाली इन महिलाओं के हाथ-पैर छोटे होते हैं। ये हमेशा कड़वी बातें करती हैं।और सबके दिल को दुखाती है|
गैर मर्दों में रुचि
अपने पति से ज्यादा इन्हें दूसरे पुरुष भाते हैं। इसी वजह से इन्हें कोई सम्मान नहीं देता है। ये बातें भी झगड़ने के लहजे में करती है। इनकी वजह से इनका परिवार बहुत दुःख झेलता है।
5. पद्मिनी स्त्री
ये सुंदर और आकर्षक होती हैं। इनकी बोली मिश्री की तरह होती है। इनकी आंखें बड़ी और बाल भी सुंदर होते हैं। ये हमेशा प्रसन्नचित्त रहती हैं।
होती हैं भाग्यशाली
भारतीय ज्योतिष शास्त्रों की शाखा समुद्र विज्ञान में शरीर पर मौजूद चिन्हों के आधार पर व्यक्ति के भविष्य का विश्लेषण किया जाता है, शरीर पर पाए गए यह निशान हमारे भविष्य और चरित्र के बारे में बहुत कुछ दर्शाते हैं।
समुद्र शास्त्र में सुकन्या यानी सुंदर गुणों वाली कन्या के लक्षणों के बारे में भी बताया गया है। ऐसी कन्या बड़ी भाग्यशाली होती है। इनके भाग्य से पति और परिवार खुशहाल और धनवान बना रहता है। ऐसी कन्या की पहचान इस तरह से कर सकते हैं।
इनको सभी से बहुत सम्मान मिलता है। ये पति से लेकर माता-पिता तक सभी की सेवा करती हैं। ये अपने रिश्ते को लेकर बहुत समर्पित होती हैं और जिससे शादी कर ले उसकी किस्मत बदल देती हैं।
9931405105
जवाब देंहटाएं