महिला (हस्त)मै(थुन) कैसे करती हैं? (Female Mastur*bation)

महिला हस्त मै*थुन
हस्तमैथुन (यौन सुख या संभोग के लिए जननांगों की आत्म-उत्तेजना) को सबसे बुनियादी मानव यौ*न व्यवहार के रूप में जाना जाता है। अभी भी हस्तमैथुन को समाज में एक लांछन माना जाता है और विभिन्न धर्मों में यह अस्वीकृत है।
वयस्कता में, महिलाएँ आमतौर पर अपने क्लाइटॉरिस (भगशेफ) या उसके आस-पास के हिस्से पर मालिश कर हस्तमै*थुन करती हैं
किशोरावस्था में, यह दूसरा सबसे आम यौन व्यवहार है
महिलाएँ अक्सर हस्तमै*थुन करती हैं। यौ*न स्वास्थ्य और व्यवहार के राष्ट्रीय सर्वेक्षण (NSSHB) से पता चला है कि 14-17 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों में से, 48% लड़कियों और 73% लड़कों ने हस्तमैथुन किया है। 25-29 आयु वाले लोगों में से लगभग 85% महिलाओं और 94% पुरुषों ने हस्तमै*थुन किया है।

महिलाओं किस प्रकार हस्तमै*थुन करती हैं?
हस्तमै*थुन करने के लिए महिलाएँ विभिन्न प्रकार की तकनीकों का उपयोग करती हैं। अधिकांशत:, मॉंस और क्लाइटोरल भाग की गोलाकार, आगे-पीछे या ऊपर-नीचे मालिश करने के लिए हाथों का उपयोग किया जाता है। कुछ महिलाएँ तकीये या बिस्तर पर अपने क्लाइटोरल भाग को रगड़कर ऐसा करती हैं। कुछ महिलाएँ अपनी दोनों जांघों को रगड़कर और यो*नि के नीचे स्थित पेल्विक फ्लोर मांसपेशीयों में तनाव पैदा कर हस्थ*मैथुन करती हैं। कुछ महिलाएँ उत्तेजना पैदा करने के लिए यो*नि में अपनी उंगलियाँ या सेक्* टॉयज डालती हैं।
हस्थमै*थुन के क्या लाभ हैं?
अधिकांश किशोरों के मनोसामाजिक विकास में  हस्तमै*थुन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हस्तमै*थुन कर, लोग यह जान पाते हैं कि लैंगि*क रूप से उन्हें किस चीज से संतुष्टि प्राप्त होती है। महिलाओं को अपने शरीर, अपनी यौ*न प्राथमिकताओं के बारे में जानने के लिए और अपने जननांग की जानकारी में वृद्धि करने के लिए यौन-चिकित्सकों ने हस्तमै*थुन की एक उपकरण के रूप में सिफारिश की है। यह व्यक्ति को अपनी यौ*न प्रतिक्रिया और उत्तेजना पैदा करने वाले हिस्सों के बारे में जानने में भी सहायता कर सकता है।
किशोरावस्था में जब व्यक्ति भावनात्मक रूप से परिपक्व हो रहा होता है तब यौ*न संबंध स्थापित करने के बजाय हस्तमै*थुन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह यौन संबंधी तनावों से निजात दिला सकता है और जोखिम भरी अन्य यौ*न क्रिया, जिसमें अनेक साथी शामिल होते हैं जिनमें अनचाहे गर्भ धारण और यौ*न संचारित संक्रमण का जोखिम होता है, के एक विकल्प के रूप में कार्य करता है।
हस्थमै*थुन महिलाओं में सकारात्मक शारीरिक छवि को बढ़ावा दे सकता है। कुछ शोध सर्वेक्षणों ने महिलाओं में यौ*न आत्म-संतुष्टि और सकारात्मक शारीरिक छवि के बीच सकारात्मक संबंध को दर्शाया है। अपने शरीर के बारे में जानने और व्यक्ति को कौन सी चीज संतुष्ट करती है यह जानने पर, व्यति में स्वायत्तता और शारीरिक संपूर्णता की भावना में वृद्धि हो सकती है, जिसके कारण व्यक्ति के आत्म-सम्मान और पहचान की भावना में वृद्धि हो सकती है।
हस्थमै*थुन हमेशा यौ*न साथी के अभाव के कारण नहीं किया जाता है। लगभग 70% विवाहित पुरूष और महिलाएँ कभी-कभार हस्थमै*थुन करते/करती हैं। संबंध में होने पर, भिन्न यौ*न रूचि के कारण उत्पन्न होने वाले तनावों से राहत दिलाने में भी हस्तमै*थुन सहायता कर सकता है।
 दूसरे साथी की तुलना में एक साथी में अधिक कामेच्छा हो सकती है, या किसी एक दिन हो सकता है कि एक साथी की यौन करने की इच्छा न हो। इन स्थितियों में, हस्तमै*थुन एक विकल्प प्रदान करता है। संबंध में हस्तमै*थुन एक साझा क्रिया भी हो सकती है और यह आत्मीयता में वृद्धि करने में सहायता कर सकता है। जब एक साथी की यौन करने की इच्छा न हो, तो हस्तमै*थुन करने के दौरान वह दूसरे साथी को चुंबन या आलिंगन कर सकता/सकती है। इस तरह, हस्तमै*थुन एक सकारात्मक आत्मीयता का अनुभव प्रदान कर सकता है और यौन संतुष्टि में वृद्धि कर सकता है।
हस्तमै*थुन के कारण क्या स्वास्थ्य को कोई हानि हो सकती है?
हस्तमै*थुन एक सामान्य यौन व्यवहार है और इसके कारण स्वास्थ्य पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
हस्तमै*थुन स्वयं में हानिकारक नहीं है। दुष्प्रभाव जैसे कि अपराध, भय और चिंता एक निश्चित शर्त पर स्थापित प्रतिक्रियाएँ हैं जो इस कारण उत्पन्न होती हैं क्योंकि हम यह सोचते हैं कि हस्तमै*थुन “नैतिक रूप से गलत है” या “स्वास्थ्य के लिए खराब होता है”। धर्म और संस्कृति में हस्तमै*थुन को निन्दित किया गया है और इसे विकृति या अपराध के समतुल्य माना गया है। बच्चे की उम्र बढ़ने पर, जब इस प्रकार के विचार माता-पिता या बुजुर्गों द्वारा बच्चे के मन में डाले जाते हैं, तो इसके कारण हस्तमै*थुन के प्रति अपराध की भावना पैदा हो सकती है, जिसे एक बहुत आम घटना पाया गया है। इसके अतिरिक्त, गलत जानकारी जैसे कि हस्तमै*थुन से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं और इसके कारण कमजोरी आती है या स्वास्थ्य पर अन्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं, के कारण चिंता और भय पैदा हो सकता है। यौन-चिकित्सक सलाह देते हैं कि किशेरावस्था के दौरान यौन शिक्षा देना महत्वपूर्ण है ताकि हस्तमै*थुन से संबंधित इस प्रकार के मिथकों और नकारात्मक दृष्टिकोण को दूर किया जा सके और किशोरों को यह बताया जा सके कि हस्तमै*थुन एक सामान्य व्यवहार है।
एक दूसरी आम समस्या बहुत अधिक हस्तमै*थुन करने से संबंधित है। इसकी कोई परिभाषा नहीं है कि बहुत अधिक हस्तमै*थुन क्या होता है। यदि कोई व्यक्ति बहुत अधिक बार हस्तमै*थुन कर रहा है जिसके कारण उसके जीवन के महत्वपूर्ण पहलू बाधित हो रहे हैं, तो यह एक चिंता का विषय हो सकता है। किसी भी अन्य बाध्यकारी व्यवहारों की तरह, बार-बार हस्तमै*थुन क्रिया में संलग्न होने से आपका जीवन बाधित हो सकता है। इस प्रकार के मामलों में, हस्तमै*थुन किसी अंतर्निहित समस्या का एक लक्षण हो सकता है। उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति जो गंभीर अवसाद से ग्रस्त है वह तनाव कम करने की विधि के रूप में हस्तमै*थुन का उपयोग कर सकता है। इस मामले में, अंतर्निहित अवसाद विकार पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
हस्तमै*थुन करते समय कुछ सावधानियाँ बरती जानी चाहिए। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि क्लाइटोरिस या जनांग क्षेत्र को बहुत अधिक जोर से रगड़ना या सहलाना नहीं चाहिए जिससे कि उन्हें कोई शारीरिक हानि पहुँचे। आराम से सहलाने या उत्तेजना से इन हिस्सों को कोई हानि नहीं होगी।
यो*नि में अंगुली या कोई अन्य वस्तु डालते समय, उचित स्वच्छता का ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण की रोकथाम की जा सके। हानिकारक जीवाणुओं की रोकथाम करने के लिए साबुन और पानी से हाथ और सेक्टॉ यज़ धोना महत्वपूर्ण होता है।
उत्तेजना या यो*नि में डालने के लिए कभी भी नुकीली या धार-युक्त वस्तु का उपयोग न करें, क्योंकि इसके कारण चोट लग सकती है। किसी भी ऐसी वस्तु का उपयोग न करें जिसके पुर्जे ढीले हों क्योंकि यह यो*नि में गिर कर फंस सकते हैं। यो*नि में फल और सब्जियाँ न डाले क्योंकि इनसे संक्रमण होने का जोखिम हो सकता है और यह अंदर टूट सकते हैं।

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